भारत में शिक्षा के क्षेत्र में प्रगति और सामाजिक समावेश को बढ़ावा देने के लिए सरकार अनेक योजनाओं का संचालन कर रही है। इनमें से एक प्रमुख पहल महादलित, दलित और अल्पसंख्यक अतिपिछड़ा वर्ग अक्षर औघल योजना है। इस योजना का उद्देश्य शिक्षा सेवक और शिक्षा सेवक (तालीमी मरकज) के खाली पदों की भरती प्रक्रिया को तय समय सीमा और पारदर्शिता के साथ संपन्न करना है। यह ब्लॉग पोस्ट यह प्रक्रिया विस्तार से समझाने के लिए लिखा गया है, जिसमें चयन विधि, समय सीमा और कर्तव्यों को स्पष्ट किया गया है। हमारा लक्ष्य इस प्रक्रिया को साधारण भाषा में प्रस्तुत करना है ताकि आम लोग इसे सहजता से जान सकें।
योजना का लक्ष्य
महादलित, दलित और अल्पसंख्यक अतिपिछड़ा वर्ग अक्षर औघल योजना का मुख्य उद्देश्य उन समुदायों के बीच शिक्षा को बढ़ावा देना है जो समाज के सबसे वंचित हैं, जैसे महादलित, दलित और अल्पसंख्यक। इन समुदायों में शिक्षा की दर में सुधार लाने और बच्चों को उच्च गुणवत्ता की शिक्षा प्रदान करने के लिए शिक्षा सेवक और तालीमी मरकज की नियुक्ति की जाती है। यह योजना सिर्फ शिक्षा के अवसर नहीं देती, बल्कि सामाजिक समानता और आर्थिक सशक्तिकरण को भी प्रोत्साहित करती है।
शिक्षा सेवक और तालीमी मरकज स्थानीय स्तर पर शिक्षा को अधिक सुलभ बनाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये शिक्षक उन क्षेत्रों में कार्यरत होते हैं जहां स्कूलों की कमी है या जहाँ बच्चे नियमित विद्यालय नहीं पहुँच पाते। इस योजना के अंतर्गत रिक्त पदों को भरने के लिए सरकार ने एक समयबद्ध कार्यक्रम तैयार किया है, जिसमें दो प्रमुख चरण शामिल हैं:
- जहां सर्वेक्षण का कार्य पूरा हो चुका है: इन स्थानों में नियुक्ति प्रक्रिया 15 जून, 2025 तक संपन्न की जाएगी।
- जहां सर्वेक्षण का कार्य अभी अधूरा है: इन क्षेत्रों में नियुक्ति प्रक्रिया 30 जून, 2025 तक पूरी की जाएगी।
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नियोजन प्रक्रिया का समयबद्ध कार्यक्रम
- जिस स्थान पर सर्वेक्षण का कार्य समाप्त हो चुका है (15 जून, 2025 तक)
इस श्रेणी में उनका समावेश किया गया है, जहां महादलित, दलित और अल्पसंख्यक समुदायों के जनसंख्या सर्वेक्षण पहले से ही संपन्न हो चुके हैं। इन स्थानों पर नियोजन प्रक्रिया को शीघ्रता से लागू करने के लिए निम्नलिखित कदम निर्धारित किए गए हैं:
क्रम सं | कार्य | कार्य विवरण | तिथि | जिम्मेदारी |
---|---|---|---|---|
1 | शिक्षित शिक्षण | महादलित, दलित एवं अत्यंत पिछड़ा वर्ग अक्षर आंचल योजना अंतर्गत वंचित टोलों की प्रधानाध्यापक सूची के आधार पर चयन हेतु टोला सूची का निर्धारण | 10 अप्रैल, 2025 तक | जिला पदाधिकारी द्वारा संबंधित पदाधिकारी |
2 | समिति गठन | अनुमंडल स्तर पर अनुमंडल पदाधिकारी की अध्यक्षता में चयन हेतु समिति का गठन | 15 अप्रैल, 2025 तक | प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी |
3 | विज्ञापन | वेबसाइट एवं प्रखंड शिक्षा कार्यालय में सूचना का प्रकाशन | 20 अप्रैल, 2025 तक | प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी (साक्षरता), प्रखंड शिक्षा कार्यालय |
4 | आवेदन प्राप्त करना | विद्यालयों द्वारा आवेदन लेना, सत्यापन कर समिति को सौंपना | 30 अप्रैल, 2025 तक | प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, संबंधित विद्यालय के प्रधानाध्यापक |
5 | मेधा अंक की गणना | समिति द्वारा प्राप्त आवेदनों की जांच कर मेधा अंक निर्धारण एवं प्रकाशन | 05 मई, 2025 तक | पदाधिकारी (साक्षरता), प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, संबंधित विद्यालय के प्रधानाध्यापक |
6 | आपत्ति आमंत्रण | मेधा सूची पर आपत्ति आमंत्रण | 10 मई, 2025 तक | संबंधित विद्यालय के प्रधानाध्यापक |
7 | आपत्ति निवारण | आपत्ति का निवारण एवं अभिलेख का संधारण | 15 मई, 2025 तक | प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी एवं संबंधित विद्यालय |
8 | अंतिम मेधा सूची का प्रकाशन | निवारण के उपरांत अंतिम सूची का प्रकाशन | 22 मई, 2025 तक | प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी (साक्षरता), संबंधित विद्यालय के प्रधानाध्यापक |
9 | मेधा सूची का अनुमोदन | अनुमोदन उपरांत संबंधित इकाई को उपलब्ध कराना | 29 मई, 2025 तक | जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (साक्षरता) |
10 | प्रशिक्षण हेतु शिक्षा सेवक/शिक्षा सेविका की सूची भेजी का संप्रेषण | चयनित अभ्यर्थियों की सूची जिला प्रशिक्षणालय को भेजना | 05 जून, 2025 तक | जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (साक्षरता) |
11 | प्रशिक्षण एवं नियुक्ति पत्र वितरण | पांच दिवसीय प्रशिक्षण/उन्मुखीकरण उपरांत नियुक्ति पत्र वितरण | 15 जून, 2025 तक | जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (साक्षरता) |
2. जहां सर्वेक्षण का कार्य अभी अधूरा है (30 जून, 2025 तक)
उन स्थानों पर जहां सर्वेक्षण अभी पूरा नहीं हुआ है, प्रक्रिया अधिक समय लेगी। इस प्रक्रिया में और भी चरण शामिल हैं, जो निम्नलिखित हैं:
क्रम सं | कार्य | कार्य विवरण | तिथि | जिम्मेदारी |
---|---|---|---|---|
1 | आबादी की मुख्यधारा सूची तैयार करना | गांव या जिले में शत-प्रतिशत सर्वेक्षण सूची के आधार पर पूरे जिले में महादलित, दलित एवं अल्पसंख्यक अतिपिछड़ा वर्गों में आबादी वंचित टोलों को अधिकतम प्राथमिकता क्रम में (आबादी के आधार पर) मुख्यधारा सूची तैयार करना। | 15 अप्रैल, 2025 तक | जिला पदाधिकारी द्वारा विभिन्न पदाधिकारी |
2 | स्तरीकरण निर्धारण | तैयार की गई मुख्यधारा सूची के अनुरूप वंचित वर्गों की स्तरीकरण सूची का निर्धारण। | 25 अप्रैल, 2025 तक | जिला पदाधिकारी द्वारा विभिन्न पदाधिकारी |
3 | समिति गठन | चयनित ब्लॉक के संबंधित वार्ड सदस्य की अध्यक्षता में नियोजन हेतु समिति का गठन। | 30 अप्रैल, 2025 तक | प्रखण्ड शिक्षा पदाधिकारी |
4 | विज्ञापन | नियोजन हेतु एल0पी0सी0टी0 वेबसाइट तथा प्रखण्ड एवं पंचायत के सार्वजनिक स्थलों पर नोटिस/सूचना का प्रकाशन। | 05 मई, 2025 तक | कार्यक्रम पदाधिकारी (शिक्षा) एवं प्रखण्ड शिक्षा पदाधिकारी |
5 | आवेदन प्राप्त करना | समिति के सदस्य-सह-संयोजक (चयनित विद्यालय के प्रधानाध्यापक) के द्वारा नियोजन हेतु आवेदन प्राप्त करना, समिति द्वारा सभी आवेदन को रसीद देना। | 20 मई, 2025 तक | पदाधिकारी एवं चयनित विद्यालय के प्रधानाध्यापक |
6 | मेधा अंक गणना | नियोजन समिति द्वारा प्राप्त आवेदन के मेधा अंक की गणना कर जिले के वेबसाइट, प्रखण्ड एवं पंचायत के सार्वजनिक स्थलों पर प्रकाशन करना। | 23 मई, 2025 | समन्वयक कार्यालय, कार्यक्रम पदाधिकारी (शिक्षा), प्रखण्ड शिक्षा पदाधिकारी एवं चयनित विद्यालय के प्रधानाध्यापक |
7 | आपत्ति आमंत्रण | मेधा सूची में किसी प्रकार की आपत्ति होने पर एक सप्ताह के अंदर आपत्ति प्राप्त करना, आपत्तियों की प्राप्ति रसीद देना तथा आपत्ति का रजिस्टर पंजी में संधारण। | 30 मई, 2025 तक | चयनित विद्यालय के प्रधानाध्यापक |
8 | आपत्ति निवारण | आपत्ति प्राप्ति के अंतिम दिन से तीन दिनों के भीतर आपत्ति का निवारण एवं इससे संबंधित अभिलेख का संधारण। | 05 जून, 2025 तक | प्रखण्ड शिक्षा पदाधिकारी एवं चयनित विद्यालय के प्रधानाध्यापक |
9 | अंतिम मेधा सूची का प्रकाशन | समिति द्वारा आपत्ति निवारण के उपरांत अंतिम मेधा सूची तैयार कर जिले के वेबसाइट/जिला कार्यालय/प्रखण्ड कार्यालय एवं पंचायत स्तर के सार्वजनिक स्थलों पर प्रकाशन। | 10 जून, 2025 तक | कार्यक्रम पदाधिकारी (शिक्षा) एवं चयनित विद्यालय के प्रधानाध्यापक |
10 | मेधा सूची का अनुमोदन | मेधा सूची का जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (शाक्षरता) द्वारा 15 दिनों के अंदर अनुशंसा कर नियोजन पत्र निर्गमन हेतु जिला पदाधिकारी के समक्ष सेवा के उपरांत प्रस्तुत करना। | 15 जून, 2025 तक | जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (शाक्षरता) |
11 | प्रशिक्षुओं नवचयनित शिक्षा सेवक/शिक्षा सेवक (तालीमी मरकज) की सूची | चयनित शिक्षा सेवक/शिक्षा सेवक (तालीमी मरकज) की सूची एवं दिवसीय प्रशिक्षण हेतु तिथि निर्धारित कर निर्देशावली को उपलब्ध कराना। | 20 जून, 2025 तक | जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (शाक्षरता) |
12 | प्रशिक्षकों द्वारा नियोजन पत्र वितरण | चयनित शिक्षा सेवक एवं शिक्षा सेवक (तालीमी मरकज) को जिला दिवसीय प्रशिक्षण/अनुपस्थित एवं सत्र प्रशिक्षण के उपरांत नियोजन पत्र का वितरण। | 30 जून, 2025 तक | जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (शाक्षरता) |
प्रक्रिया की पारदर्शिता और निष्पक्षता
इस योजना प्रक्रिया को पूर्णतः पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के लिए कई उपाय किए गए हैं:
- सार्वजनिक सूचना: विज्ञापन और योग्यता सूचियाँ सार्वजनिक स्थलों और वेबसाइटों पर प्रकाशित की जाएंगी ताकि सभी इच्छुक अभ्यर्थियों को समान अवसर प्राप्त हो सके।
- आपत्ति का अवसर: योग्यता सूची में किसी भी गलती को सुधारने के लिए आपत्ति उठाने की व्यवस्था है।
- समिति की निगरानी: प्रत्येक चरण में योजना समिति की सक्रिय भागीदारी यह सुनिश्चित करती है कि प्रक्रिया में कोई भी अनियमितता न हो।
- समयबद्धता: हर चरण के लिए स्पष्ट समय सीमाएँ निर्धारित की गई हैं, जिससे प्रक्रिया में विलंब न हो।
शिक्षा सेवकों की भूमिका
शिक्षा सेवक और तालीमी मरकज समाज के सबसे कमजोर वर्गों तक शिक्षा पहुंचाने में एक महत्वपूर्ण योगदान करते हैं। ये शिक्षक केवल बच्चों को पढ़ाने का कार्य नहीं करते, बल्कि वे समुदाय में शिक्षा के महत्व को समझाने और जागरूकता फैलाने में सहायता भी प्रदान करते हैं। इनकी नियुक्ति के कई लाभ हैं:
- साक्षरता में वृद्धि: वंचित समुदायों में पढ़ाई की दर में वृद्धि होती है।
- बच्चों का स्कूल में नामांकन: ज्यादा बच्चे स्कूलों में दाखिला लेते हैं।
- सामाजिक समावेशन: शिक्षा के जरिए सामाजिक और आर्थिक असमानताएं कम होती हैं।
- स्थानीय रोजगार: स्थानीय निवासियों के लिए नौकरी के अवसर उपलब्ध होते हैं।
पुनः चयन की प्रक्रिया किस प्रकार होगी?
अब जिले के स्तर पर पुनः चयन प्रक्रिया को स्पष्ट और निष्पक्ष तरीके से लागू किया जा रहा है। इसके अंतर्गत:
- जिन पदों पर पहले से चयन किया जा चुका है (जहां नियुक्तियाँ हो चुकी हैं), उन्हें छोड़कर अन्य खाली पदों को भरा जाएगा।
- सामान्य जाति के उन उम्मीदवारों को हटा दिया गया है, जिनकी नियुक्ति सामाजिक संतुलन के अनुरूप नहीं थी।
- जहां विवाद न्यायालय या अन्य सक्षम प्राधिकरण में लंबित हैं, वहां उनके स्थान पर दूसरे उम्मीदवार की नियुक्ति की जाएगी ताकि शैक्षिक कार्य में किसी प्रकार की बाधा न आए।
चयन प्रक्रिया में आने वाली समस्याएं
पत्र में यह भी बताया गया है कि पहले कई क्षेत्रों में शिक्षा सेवकों की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी। इसके पीछे विभिन्न कारण हैं:
- प्रक्रिया में देरी: कुछ क्षेत्रों में चयन से जुड़ी जरूरी कार्रवाइयां समय पर नहीं हो पाईं।
- जातिगत विवाद: सामान्य जाति से चयनित कुछ उम्मीदवारों को स्थानीय स्तर पर विरोध का सामना करना पड़ा, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें हटा दिया गया।
- अदालत में चल रहे मामले: कुछ नियुक्तियों को लेकर विवाद अदालतों में विचाराधीन हैं।
महादलित, दलित और अल्पसंख्यक अतिपिछड़ा वर्ग अक्षर औघल योजना के अंतर्गत शिक्षा सेवक और तालीमी मरकज की नियुक्ति प्रक्रिया एक महत्वपूर्ण कदम है, जो समाज के कमजोर वर्गों को मुख्यधारा में लाने में सहायता करेगा। इस सुनियोजित और पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि सभी बच्चों तक शिक्षा का लाभ पहुंचे। यह प्रक्रिया न केवल शैक्षणिक क्षेत्र में सुधार लाएगी, बल्कि सामाजिक समानता और सशक्तिकरण को भी प्रोत्साहित करेगी।