बिहार राज्य में सरकारी कर्मचारियों के लिए मकान किराया भत्ता

बिहार राज्य में सरकारी कर्मचारियों के लिए मकान किराया भत्ता

भारत के विभिन्न राज्यों में सरकारी कर्मचारियों के लिए मकान किराया भत्ता (HRA) एक केंद्रीय वित्तीय सहायता है, जो उनके जीवनयापन के खर्चों को घटाने में सहायक होती है। बिहार सरकार ने हाल ही में अपने कर्मचारियों के लिए HRA दरों में बदलाव किया है, जो 1 जनवरी 2024 से प्रभावी हो चुका है। यह निर्णय राज्य वेतन आयोग की अनुशंसा पर आधारित है, जिसका उद्देश्य कर्मचारियों को महंगाई और जीवनयापन की बढ़ती लागत के अनुसार बेहतर सुविधाएँ प्रदान करना है।

मकान किराया भत्ता (HRA) क्या होता है?

मकान किराया भत्ता (HRA) वह धनराशि है, जो कर्मचारियों को आवास संबंधी खर्चों की पूर्ति के लिए दी जाती है। यह विशेष रूप से उन कर्मचारियों के लिए आवश्यक है, जो किराये के घर में निवास करते हैं। बिहार में, HRA कर्मचारियों की मूल सैलरी का एक निर्धारित प्रतिशत होता है, जो विभिन्न शहरों और क्षेत्रों के आधार पर भिन्नता दिखाता है। HRA की दरें कई पहलुओं जैसे महंगाई भत्ता (DA), शहरी जनसंख्या, और जीवनयापन की कीमत पर निर्भर करती हैं।

बिहार में HRA संशोधन की पृष्ठभूमि

बिहार सरकार ने 11 अक्टूबर 2017 को वित्त विभाग के संकल्प संख्या-8043 के अंतर्गत HRA दरों की समीक्षा की थी। इस संशोधन में शहरों को उनकी जनसंख्या और आर्थिक स्थिति के आधार पर श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया था। इसके अतिरिक्त, अवर्गीकृत शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए भी अलग से दरें तय की गई थीं।

बाद में, राज्य वेतन आयोग ने सिफारिश की कि जब महंगाई भत्ता (DA) 50% की सीमा तक पहुँच जाए, तब HRA की दरों में बदलाव किया जाना चाहिए। 15 मार्च 2024 को वित्त विभाग के संकल्प संख्या-2891 के अनुसार DA को 50% की दर से मंजूरी मिलने के बाद, HRA दरों में संशोधन करने का निर्णय लिया गया। यह नया संशोधन 1 जनवरी 2024 से लागू है और सरकारी कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण परिवर्तन लाता है।

नई HRA दरें: शहरों और क्षेत्रों के आधार पर

बिहार सरकार ने विभिन्न शहरों और क्षेत्रों के लिए घर किराया भत्ते की नई दरें निम्नलिखित रूप से निर्धारित की हैं:

  1. ‘Y’ श्रेणी के शहर
    • शहर का नाम: पटना (शहरी क्षेत्र)
    • HRA दर: मूल वेतन का 20%
    • पटना, बिहार की राजधानी होने के नाते, ‘Y’ श्रेणी में आता है। यह शहर आर्थिक और प्रशासनिक गतिविधियों का मुख्य केंद्र है, और यहाँ जीवनयापन की लागत अन्य शहरों की अपेक्षा अधिक है। इसलिए, पटना में काम कर रहे कर्मचारियों को उनके मूल वेतन का 20% HRA के रूप में प्राप्त होगा।
  2. ‘Z’ श्रेणी के शहर
    • HRA दर: मूल वेतन का 10%
    • शहरों की सूची: अररिया, आरा, औरंगाबाद, बेगूसराय, बेतिया, भागलपुर, बिहारशरीफ, बक्सर, छपरा, दरभंगा, डिहरी, गया, गोपालगंज, हाजीपुर, जमालपुर, जमुई, जहानाबाद, कटिहार, किशनगंज, लखीसराय, मधुबनी, मोकामा, मोतिहारी, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नवादा, पूर्णिया, समस्तीपुर, सासाराम, सहरसा, सीतामढ़ी, सीवान, सुपौल।
    • ‘Z’ श्रेणी के नगर बिहार के मध्यम स्तर के शहरी क्षेत्र माने जाते हैं, जहाँ जीवनयापन की लागत पटना की तुलना में कम है। इन नगरों में काम करने वाले कर्मचारियों को उनके बुनियादी वेतन का 10% HRA के रूप में मिलेगा।
  3. अवर्गीकृत नगर
    • HRA दर: आधार वेतन का 7.5%
    • अवर्गीकृत नगर वे होते हैं, जो ‘Y’ या ‘Z’ श्रेणी में नहीं आते। इन नगरों की जनसंख्या और आर्थिक गतिविधियाँ अपेक्षाकृत कम होती हैं, इसीलिए HRA की दर 7.5% निर्धारित की गई है।
  4. ग्रामीण क्षेत्र
    • HRA दर: आधार वेतन का 5%
    • बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत व्यक्तियों को उनके मूल वेतन का 5% HRA के रूप में प्राप्त होगा। ग्रामीण क्षेत्रों में किराया और जीवनयापन की लागत शहरी क्षेत्रों की तुलना में काफी कम होती है, जिसके कारण यह दर न्यूनतम है।
  5. ‘X’ श्रेणी के नगर
    • नगरों की सूची: दिल्ली, मुंबई (बिहार भवन, नई दिल्ली समेत)
    • HRA दर: आधार वेतन का 30%

‘X’ श्रेणी के नगर, जैसे कि दिल्ली और मुंबई, देश के सबसे महंगे नगरों में शुमार होते हैं। बिहार सरकार के कर्मचारी, जो इनमें (विशेषकर बिहार भवन, नई दिल्ली में) नियुक्त हैं, वे अपने मूल वेतन का 30% HRA के रूप में प्राप्त करेंगे। यह उच्च दर इन नगरों में भारी किराए और जीवन की लागत को ध्यान में रखते हुए तय की गई है।

श्रेणीशहर/क्षेत्र का नाममकान किराया भत्ता की दर
Yपटना (शहरी क्षेत्र)मूल वेतन का 20%
Zअररिया, आरा, औरंगाबाद, बेगूसराय, बेतिया, भागलपुर, बिहारशरीफ, बक्सर, छपरा, दरभंगा, डिहरी, गया, गोपालगंज, हाजीपुर, जमालपुर, जमुई, जहानाबाद, कटिहार, किशनगंज, लखीसराय, मधुबनी, मोकामा, मोतिहारी, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नवादा, पूर्णिया, समस्तीपुर, सासाराम, सहरसा, सीतामढ़ी, सीवान, सुपौलमूल वेतन का 10%
अवर्गीकृत शहरअन्य अवर्गीकृत शहरमूल वेतन का 7.5%
ग्रामीण क्षेत्रसभी ग्रामीण क्षेत्रमूल वेतन का 7.5%
Xदिल्ली, मुंबई (बिहार भवन, नई दिल्ली सहित)मूल वेतन का 30%

संशोधन की प्रभावी तिथि और कार्यान्वयन

नई HRA दरें 1 जनवरी 2024 से लागू होंगी। इसका मतलब है कि कर्मचारियों को इस तारीख से बढ़ी हुई दरों के अनुसार भत्ता मिलेगा। बिहार सरकार ने यह निर्देश दिया है कि यह संकल्प बिहार राजपत्र के अगले संस्करण में प्रकाशित किया जाए, ताकि यह जानकारियाँ सभी कर्मचारियों और संबंधित विभागों तक पहुँच सकें।

इसके अतिरिक्त, संकल्प की एक प्रति महालेखाकार (लेखा और हकदारी), बिहार को भी भेजी गई है, ताकि आवश्यक कार्रवाई की जा सके। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि नई दरों का कार्यान्वयन सुचारू रूप से हो और कर्मचारियों को समय पर लाभ मिले।

कर्मचारियों पर प्रभाव

इस संशोधन का बिहार के सरकारी कर्मचारियों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। नई दरें कर्मचारियों की वित्तीय स्थिति को भली-भाँति सुदृढ़ करेंगी, विशेषकर उन कर्मचारियों के लिए जो महنگाई युक्त शहरों जैसे पटना, दिल्ली, या मुंबई में कार्यरत हैं। उदाहरण के तौर पर:

  • पटना में काम कर रहे कर्मचारी: यदि किसी कर्मचारी का मौलिक वेतन 50,000 रुपये है, तो उसे 20% HRA के अनुसार 10,000 रुपये प्रतिमाह प्राप्त होंगे।
  • ‘Z’ श्रेणी के नगरों में: उसी कर्मचारी को 10% HRA के रूप में 5,000 रुपये मिलेंगे।
  • दिल्ली में कार्यरत कर्मचारी: 30% HRA के आधार पर, उसे 15,000 रुपये प्रतिमाह मिलेंगे।

यह अतिरिक्त आय कर्मचारियों को बढ़ते किराए और अन्य खर्चों को सहन करने में सहायता करेगी। इसी प्रकार, ग्रामीण क्षेत्रों में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए 5% की दर भी एक महत्वपूर्ण सहारा होगी।

बिहार सरकार की दृष्टि

बिहार सरकार द्वारा लिया गया यह फैसला कर्मचारियों के हित और उनकी वित्तीय स्थिरता को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। राज्य वेतन आयोग की अनुशंसाओं को लागू करके, सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि कर्मचारियों को महंगाई और बाजार की स्थिति के अनुरूप लाभ मिले। यह निर्णय न सिर्फ कर्मचारियों के आत्मविश्वास को बढ़ाएगा, बल्कि उनकी कार्यक्षमता और समर्पण को भी उत्तेजित करेगा।

बिहार में मकान किराया भत्ते की नई दरें कर्मचारियों के लिए एक सकारात्मक परिवर्तन हैं। 1 जनवरी 2024 से लागू होने वाली ये दरें विभिन्न शहरों और क्षेत्रों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए बनाई गई हैं। पटना जैसे प्रमुख शहरों से लेकर ग्रामीण इलाकों तक, हर कर्मचारी को अपनी स्थिति के अनुसार लाभ प्राप्त होगा। यह संशोधन बिहार सरकार की उस प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है, जो कर्मचारियों के कल्याण और उनके जीवन स्तर को सुधारने के लिए है।