बिहार सरकार ने अपने शिक्षा विभाग के द्वारा प्रदेश के सरकारी, सरकारीकृत (प्रोजेक्ट व उत्कृष्टता संग्रह) और मान्यता प्राप्त अल्पसंख्यक माध्यमिक और उच्च माध्यमिक संस्थानों में लागू होने वाली शुल्क व्यवस्था में बदलाव किया है। यह फैसला 21 दिसंबर 2022 को जारी किए गए एक आधिकारिक दस्तावेज (ज्ञापांक: 09/विविध (शुल्क)-41/2021) के अंतर्गत लिया गया है, जिसका लक्ष्य शिक्षा क्षेत्र में पारदर्शिता और समान अवसरों को सुनिश्चित करना है।
संशोधन का आधार और उद्देश्य
बिहार सरकार के शिक्षा विभाग ने इस संशोधन को लागू करने से पहले कई पुराने निर्देशों और घोषणाओं का उल्लेख किया, जैसे अधिसूचना संख्या-1269 (13 जून 1981), 803 (18 दिसंबर 1986), आदि। इन दस्तावेजों के तहत पहले से ही शुल्क लेने का प्रावधान विद्यमान था, लेकिन बदलती आवश्यकताओं और आर्थिक हालातों को देखते हुए सरकार ने शुल्क संरचना में बदलाव करने का निर्णय लिया। इसका प्रमुख उद्देश्य विद्यालयों के विकास, रखरखाव और शिक्षा की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए पर्याप्त संसाधनों को जुटाना है, साथ ही छात्रों और अभिभावकों पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ को कम करना भी है।
शुल्क संरचना में परिवर्तन: एक अवलोकन
नई शुल्क व्यवस्था में माध्यमिक (कक्षा 9-10) और उच्च माध्यमिक (कक्षा 11-12) स्तरों के लिए शुल्क की समीक्षा की गई है। इस संरचना को समझने में सुविधा के लिए हम इसे तालिका के रूप में नीचे प्रस्तुत कर रहे हैं:
क्रम संख्या | विवरण | पहले की शुल्क (माध्यमिक) | पहले की शुल्क (उच्च माध्यमिक | नई शुल्क (माध्यमिक) | नई शुल्क (उच्च माध्यमिक) |
---|---|---|---|---|---|
1 | प्रवेश शुल्क | 20 रुपये | 15 रुपये | 50 रुपये | 50 रुपये |
2 | शिक्षण शुल्क | लागू नहीं | 180 रुपये/वर्ष (कला/वाणिज्य) 240 रुपये/वर्ष (विज्ञान/कृषि) | लागू नहीं | 100 रुपये/वर्ष (कला/वाणिज्य) 240 रुपये/वर्ष (विज्ञान/कृषि/कला) |
3 | विकास शुल्क (भवन निर्माण, मरम्मत आदि) | 60 रुपये (2 किश्तों में) | 160 रुपये | 80 रुपये | 200 रुपये |
4 | स्थानांतरण शुल्क | 10 रुपये | 20 रुपये | 10 रुपये | 20 रुपये |
5 | प्रयोगशाला शुल्क (विज्ञान/कृषि) | 10 रुपये (2 किश्तों में) | 200 रुपये/वर्ष | 10 रुपये | 200 रुपये/वर्ष |
6 | अनुपस्थिति दंड | 1 रुपये | लागू नहीं | समाप्त | लागू नहीं |
7 | शुल्क विलंब दंड | 1 रुपये | लागू नहीं | समाप्त | लागू नहीं |
8 | पलायन शुल्क | 1 रुपये | लागू नहीं | समाप्त | लागू नहीं |
9 | पुन: प्रवेश शुल्क | 7 रुपये | लागू नहीं | समाप्त | समाप्त |
10 | (अन्य शुल्क – अस्पष्ट) | 20 रुपये | 20 रुपये | 30 रुपये | – |
11 | मनोरंजन शुल्क (सांस्कृतिक कार्यक्रम) | 20 रुपये | 20 रुपये | 60 रुपये | – |
12 | निर्धन छात्र कोष | 10 रुपये | 10 रुपये | 10 रुपये | – |
13 | विद्युत शुल्क | 60 रुपये | 20 रुपये | 80 रुपये | – |
14 | पुस्तकालय शुल्क | 20 रुपये | – | – | – |
15 | विद्यालय रखरखा | 150 रुपये | 50 रुपये | 150 रुपये | – |
16 | परिचय पत्र शुल्क | 20 रुपये | 20 रुपये | – | |
17 | बालचर शुल्क | 20 रुपये | 10 रुपये | 20 रुपये | – |
18 | विविध (सांस्कृतिक कार्यक्रम आदि) | 50 रुपये | – | – | – |
19 | फॉर्म/प्रॉस्पेक्टस | 50 रुपये | – | – | – |
20 | परीक्षा शुल्क | – | 120 रुपये (3 परीक्षाओं के लिए) | 120 रुपये (कला/वाणिज्य) 120 रुपये (विज्ञान/कृषि) | – |
मुख्य परिवर्तन और उनके परिणाम
- शुल्कों में बदलाव और समाप्ति
संशोधन के अंतर्गत कुछ शुल्कों में वृद्धि की गई है, जैसे कि प्रवेश शुल्क अब 50 रुपये है, जबकि पहले यह माध्यमिक में 20 रुपये और उच्च माध्यमिक में 15 रुपये था। अन्य शुल्क जैसे अनुपस्थिति दंड, शुल्क विलंब दंड, पलायन शुल्क, और पुन: प्रवेश शुल्क को पूरी तरह समाप्त कर दिया गया है। यह निर्णय छात्रों पर unnecessary दबाव को कम करने के लिए एक सकारात्मक कदम माना जा सकता है।
2. शिक्षण शुल्क में बदलाव
उच्च माध्यमिक स्तर पर शिक्षण शुल्क में परिवर्तनों का अनुभव हुआ है। कला और वाणिज्य संकाय के लिए शुल्क अब 180 रुपये से कम होकर 100 रुपये प्रति वर्ष हो गया है, वहीं विज्ञान और कृषि के लिए यह 240 रुपये पर बना हुआ है। यह परिवर्तन कला और वाणिज्य के छात्रों के लिए एक राहत का संकेत हो सकता है।
3. विकास और रखरखाव पर ध्यान
विकास शुल्क और विद्यालय रखरखाव शुल्क में वृद्धि इस बात का संकेत है कि सरकार स्कूलों के बुनियादी ढांचे और सुविधाओं में सुधार पर ध्यान केंद्रित कर रही है। उदाहरण के तौर पर, विकास शुल्क अब माध्यमिक में 80 रुपये और उच्च माध्यमिक में 200 रुपये निर्धारित किया गया है।
4. विशिष्ट छूट
अनुसूचित जाति (SC) और जनजाति (ST) के छात्रों के लिए शिक्षण शुल्क और विकास शुल्क से छूट दी गई है। यह कदम सामाजिक समावेशिता को बढ़ाने और इन वर्गों के छात्रों को शिक्षा में बेहतर पहुंच सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है।
शुल्क संग्रह का समय और नियम
आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि सभी शुल्क कक्षा 9 और 11 में नामांकन के समय और कक्षा 10 और 12 में सत्र की शुरुआत पर लिए जाएंगे। परिचय पत्र शुल्क केवल कक्षा 9 और 11 में नामांकन के समय लिया जाएगा। इसके अलावा, यदि कोई छात्र कक्षा 9 से उसी विद्यालय में कक्षा 11 में दाखिला लेता है, तो उसे दोबारा नामांकन शुल्क का भुगतान नहीं करना होगा। यह नियम अभिभावकों का आर्थिक बोझ कम करने में मददगार हो सकता है।
शिक्षा विभाग का आदेश
इस निर्देश की एक प्रति सभी प्रमंडलीय आयुक्तों, जिला अधिकारियों, राज्य परियोजना निदेशकों, और अन्य संबंधित करीबी अधिकारियों को भेजी गई है। जिला शिक्षा अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि उनके क्षेत्र के सभी माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में यह जानकारी उपलब्ध कराई जाए। इससे नए शुल्क ढांचे का प्रभावी रूप से कार्यान्वयन सुनिश्चित होगा।
इस संशोधन का प्रभाव
- अभिभावकों पर असर
शुल्क में थोड़ी बढ़ोतरी कुछ अभिभावकों पर आर्थिक दबाव डाल सकती है, लेकिन दंड शुल्कों को हटाने और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के छात्रों को छूट देने से कई परिवारों को सहायता मिलेगी।
2. विद्यालयों के लिए फायदे
विकास और रखरखाव शुल्क में वृद्धि से स्कूलों को बेहतर सुविधाओं की पेशकश करने में मदद मिलेगी, जैसे कि भवन की मरम्मत, प्रयोगशाला उपकरण, और बिजली की व्यवस्था का रखरखाव।
3. छात्रों पर असर
अनुपस्थिति और विलंब जैसे दंडों के खत्म होने से छात्रों पर अनावश्यक मानसिक तनाव कम होगा, जिससे उन्हें अपनी पढ़ाई पर बेहतर ध्यान केंद्रित करने का अवसर मिलेगा।
बिहार सरकार द्वारा उठाया गया यह कदम शिक्षा के क्षेत्र में संतुलन स्थापित करने हेतु एक प्रयास है। जबकि फीस में बढ़ोतरी से विद्यालयों को बेहतर संसाधन प्राप्त होंगे, वहीं दंड शुल्कों को खत्म करने और विशेष छूट देने से छात्रों तथा अभिभावकों को राहत मिलेगी। यह संशोधन शिक्षा को अधिक सुलभ और गुणवत्तापूर्ण बनाने की दिशा में एक कदम हो सकता है, बशर्ते इसका कार्यान्वयन स्पष्ट और प्रभावी तरीके से किया जाए।