आज हम सरकारी कर्मचारियों के लिए अवकाश(Holiday) नियमों पर चर्चा करेंगे, जो कि फाइनेंशियल हैंड रिकॉर्ड्स सेक्शन 2, पार्ट 2 से 4, अध्याय 10 में दिए गए हैं। ये नियम स्थायी और अस्थायी सरकारी कर्मचारियों दोनों पर लागू होते हैं। हम इन नियमों को हिंदी में आसानी से समझाएंगे ताकि हर कोई उन्हें समझ सके।
अवकाश क्या है और यह क्यों जरूरी है?
अवकाश यानी छुट्टी, जो सरकारी कर्मचारियों को अपने निजी या स्वास्थ्य संबंधी कारणों से काम से ब्रेक लेने के लिए दी जाती है। यह नियम वित्तीय हस्त पुस्तिका में मूल नियम 58 से 104 और सहायक नियम 35 से 172 के तहत दिए गए हैं। इसके अलावा, सरकार समय-समय पर नए आदेश भी जारी करती है। अवकाश कर्मचारियों को मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ रखने में मदद करता है।
अवकाश के मुख्य प्रकार
सरकारी कर्मचारियों के लिए कई तरह के अवकाश होते हैं। आइए इनके बारे में जानते हैं:
- आकस्मिक अवकाश (Casual Leave)
- यह छुट्टी छोटी और अचानक जरूरतों के लिए होती है।
- हर साल 14 दिन तक की छुट्टी मिल सकती है।
- नियम: मैनुअल ऑफ गवर्नमेंट ऑर्डर, अध्याय 142।
- अर्जित अवकाश (Earned Leave)
- यह छुट्टी हर साल 31 दिन की मिलती है और पूरी सेवा में 300 दिन तक जमा हो सकती है।
- भारत में एक बार में 120 दिन और विदेश में 180 दिन तक ली जा सकती है।
- नियम: मूल नियम 81-ख और सहायक नियम 157-क।
- निजी कार्य पर अवकाश (Leave on Personal Matter)
- यह स्थायी और अस्थायी दोनों कर्मचारियों को मिलता है।
- स्थायी कर्मचारी 365 दिन तक जमा कर सकते हैं, लेकिन एक बार में 90 दिन (भारत में) या 180 दिन (विदेश में) ले सकते हैं।
- अस्थायी कर्मचारी 60 दिन तक जमा कर सकते हैं और पूरी सेवा में 120 दिन ले सकते हैं।
- नियम: मूल नियम 81-ख(3)।
- चिकित्सा प्रमाण पत्र पर अवकाश (Medical Leave)
- स्थायी कर्मचारी 12 महीने तक और खास मामलों में 6 महीने अतिरिक्त ले सकते हैं।
- अस्थायी कर्मचारी 4 महीने तक ले सकते हैं, अगर 3 साल से ज्यादा सेवा हो तो 12 महीने तक।
- इसके लिए डॉक्टर का प्रमाण पत्र जरूरी है।
- नियम: मूल नियम 81-ख(2)।
- प्रसूति अवकाश (Maternity Leave)
- महिला कर्मचारियों को बच्चे के जन्म पर 180 दिन की छुट्टी मिलती है।
- गर्भपात के मामले में 6 हफ्ते तक दी जा सकती है।
- दो बच्चों के बाद यह नहीं मिलता।
- नियम: मूल नियम 101 और सहायक नियम 153।
- असाधारण अवकाश (Extraordinary Leave)
- जब कोई दूसरी छुट्टी न बची हो, तब यह ली जा सकती है।
- स्थायी कर्मचारी 5 साल तक और अस्थायी कर्मचारी 3 से 24 महीने तक ले सकते हैं।
- इसमें वेतन नहीं मिलता।
- नियम: मूल नियम 85।
- विशेष विकलांगता अवकाश (Special Disability Leave)
- अगर कर्मचारी को काम के दौरान चोट लगे या बीमारी हो, तो यह मिलता है।
- अधिकतम 24 महीने तक दिया जा सकता है।
- पहले 6 महीने पूरे वेतन पर, फिर 12 महीने आधे वेतन पर।
- नियम: मूल नियम 83।
- अध्ययन अवकाश (Study Leave)
- वैज्ञानिक या तकनीकी पढ़ाई के लिए 5 साल से ज्यादा सेवा वाले कर्मचारियों को मिलता है।
- इसमें आधा वेतन मिलता है।
- नियम: मूल नियम 84।
- लघुकृत अवकाश (Shortened Leave)
- यह पढ़ाई के लिए निजी कार्य पर अवकाश का आधा हिस्सा होता है।
- भारत में 45 दिन और विदेश में 90 दिन तक मिल सकता है।
- नियम: मूल नियम 81-ख(4)।
अवकाश वेतन कैसे मिलता है?
- अर्जित और चिकित्सा अवकाश: छुट्टी से पहले मिलने वाला पूरा वेतन।
- निजी कार्य और लघुकृत अवकाश: अर्जित अवकाश के वेतन का आधा।
- प्रसूति अवकाश: ड्यूटी के समय का पूरा वेतन।
- असाधारण अवकाश: कोई वेतन नहीं।
- विशेष विकलांगता: पहले 6 महीने पूरा वेतन, फिर आधा।
- अध्ययन अवकाश: आधा वेतन।
कौन देता है अवकाश की मंजूरी?
अवकाश देने का अधिकार उस अधिकारी के पास होता है, जो उस पद को भरने का जिम्मेदार हो। जैसे:
- विभागाध्यक्ष 300 दिन तक अर्जित अवकाश मंजूर कर सकते हैं।
- विशेष विकलांगता अवकाश के लिए राज्यपाल की मंजूरी चाहिए।
- छोटे अवकाश (जैसे आकस्मिक) के लिए कार्यालय प्रमुख या विभागाध्यक्ष फैसला लेते हैं।
कुछ जरूरी नियम
- अवकाश कोई अधिकार नहीं: इसे मांग नहीं सकते। अगर जनहित में जरूरत हो, तो छुट्टी रद्द भी हो सकती है।
- वापसी का अधिकार: जनहित में कर्मचारी को छुट्टी से वापस बुलाया जा सकता है।
- नौकरी नहीं कर सकते: छुट्टी के दौरान बिना अनुमति के दूसरी नौकरी नहीं की जा सकती।
- प्रमाण पत्र: चिकित्सा अवकाश के लिए डॉक्टर का सर्टिफिकेट जरूरी है।
- अनुपस्थिति: छुट्टी खत्म होने के बाद बिना सूचना गैरहाजिर रहने पर वेतन कटेगा और सजा भी हो सकती है।
अवकाश के फायदे
- मानसिक शांति: छुट्टी से कर्मचारी तनावमुक्त रहते हैं।
- स्वास्थ्य: बीमारी या प्रसव के समय यह मदद करता है।
- काम में सुधार: आराम के बाद कर्मचारी बेहतर काम करते हैं।
सरकारी कर्मचारियों के लिए अवकाश नियम उनके जीवन को आसान और संतुलित बनाने के लिए हैं। हर प्रकार की छुट्टी के अपने नियम और शर्तें हैं, जो कर्मचारी की जरूरत और सेवा की स्थिति पर निर्भर करते हैं। अगर आप सरकारी कर्मचारी हैं, तो इन नियमों को समझना आपके लिए बहुत जरूरी है। इससे आप सही समय पर सही छुट्टी ले सकते हैं और अपने अधिकारों का पूरा फायदा उठा सकते हैं।
Departmental Leave Letter